टङ्का
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]टंका ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ टङ्क]
१. पुराने समय में चाँदी की एक तौ ल जो एक तोले के बराबर होती थी ।
२. ताँबे का एक पुराना सिक्का । टका ।
३. सिक्का । मुद्रा । उ॰—पान कसए सोनाक टंका चादन क मूल ईंधन बिका ।—कीर्ति॰, पृ॰ ६८ ।
टंका ^२ संज्ञा पुं॰ [देश॰] एक प्रकार का गन्ना या ईख ।
टंका ^३ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ टंङ्का]
१. जंघा ।
२. तारा देवी ।
३. संपूर्ण जाति की एक रागिनी जो त्रिषडज और आदि मूर्च्छना युक्त होती है । हनुमत् के अनुसार इसका स्वरग्राम यों है—स रे ग म प ध नि स ।