टटीबा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

टटीबा संज्ञा पुं॰ [अनु॰] घिरनी । चक्कर । उ॰—खैंचूँ तो आवै नहीं जो छोड़ँ तो जाय । कबीर मन पूछ रे प्रान टटीबा खाय ।—कबीर (शब्द॰) । क्रि॰ प्र॰—खाना ।