टटोरना † क्रि॰ स॰ [हिं॰ टटोलना] दे॰ 'टटोलना' । उ॰— कबहूँ कमला सपला पाइ के टेढ़े टेढ़े जात । कबहुँक मग पग धूरि टटोरत भोजन को बिलखात ।—सूर (शब्द॰) ।