टपका
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]टपका संज्ञा पुं॰ [हिं॰ ठपकना]
१. बूँद बूँद गिरने का भाव । यौ॰— टपका टपकी ।
२. वह जो बूँद बूँद करके गिरा हो । टपकी हुई वस्तु । रसाव ।
३. पककर आपसे आप गिरा हुआ फल ।
४. रह रहकर उठनेवाला दर्द । टीस ।
५. चौपायों के खुर का एक रोग । खुरपका । †
६. डाल में पका हुआ आम ।
टपका टपकी ^१ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ टपकाना]
१. बूँदाबूँदी । (मेह की) हलकी झड़ी । फुहार । फुही ।
२. फलों का लगातार एक एक करके गिरना ।
३. किसी वस्तु को लेने के लिये आदमियों का एक पर एक टूटना ।
४. एक के पीछे दूसरे आदमी की मृत्यु । एक एक करके बहुत से आदमियों की मृत्यु (जैसे हैजे आदि में होती है) । क्रि॰ प्र॰—लगना ।
टपका टपकी ^२ वि॰ इक्का दुक्की । भूला भटका । एक आध । बहुत कम । कोई कोई ।