टवाई संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ अटन(= घूमना)] आवारगी । व्यर्थ घूमना । उ॰—फेर रह्यो पुर करत टवाई । मान्यो नहिं जो जननि सिखाई ।—रघुराज (शब्द॰) ।