टहलनी संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ टहल+ नी (प्रत्य॰)] १. टहल करनेवाली । सेवा करनेवाली । दासी । मजदूरनी । लौंड़ी । चाकरानी । उ॰—म्हाँसी थाँके घड़ी टहलनी भँवर कमल फुल बास लुभावै ।—घनानंद, पृ॰ ३३४ । २. वह लकड़ी जो बत्ती उकसाने के लिये चिराग में पड़ी रहती हैं ।