टहेल पु † संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ टहल] दे॰ 'टहल' । उ॰—सो वह वीराँ नित्य अपने हाथ सों श्री ठाकुर जी की सेवा टहेल करती ।—दो सौ बावन॰, भा॰ १, पृ॰ १२१ ।