टाँठ वि॰ [अनु॰ ठन ठन या सं॰ स्थाणु] १. जो सूखकर कड़ा हो गया हो । करारा । कड़ा । कठोर । उ॰—राम सों साम किए नित है हित कोमल काज न कीजिए टाँठे ।—तुलसी (शब्द॰) । २. डढ़ । बली । तगड़ा । मुस्टंडा ।