टाल
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]टाल ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ अट्टाल, हिं॰ अटाला]
१. नीचे ऊपर रखी हुई वस्तुओं का ढेर जो दूर तक ऊँचा उठा हो । ऊँचा ढेर । भारी राशी । अटाला । गंज । जैसे, लकड़ी की टाल, भुस की टाल, पयाल की टाल, घास, की टाल ।
२. लकड़ी, भुस, पयाल आदि की बड़ी दूकान ।
३. बैलगाड़ी के पहिए का किनारा । मुहा॰—टाल मारना = पहिए के किनरों का छीलना ।
टाल ^२ संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] एक प्रकार का घंटा जो गय,बैल, हाथी आदि के गले में बाँधा जाता है ।
टाल ^३ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ डालना]
१. टालने का भाव ।
२. किसी बात के लिये आजकल का झूठा वादा । ऐसा बहाना जिससे किसी समय किसी काम को करने से कोई बच जाय । यौ॰—टालटूल । टालबटाल । टालमठाल । टालमटूल । टालमटोल ।
टाल ^४ संज्ञा पुं॰ [सं॰ टार] व्यभिचार के लिये स्त्री पुरूष का समागम करानेवाला । कुटना । भँड़ुआ ।