टुक
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]टुक ^१ वि॰ [सं॰ स्तोक (=थोड़ा)] थोड़ा । जरा । किंचित् । तनिक । मुहा॰—टुक सा = जरा सा । थोड़ा सा ।
टुक ^२ क्रि॰ वि॰ थोड़ा । जरा । तनिक । जैसे,—टुक इधर देखो । उ॰—मात: कातर न हो, अहो, टुक धीरज धारो ।—साकेत, पृ॰ ४०४ । विशेष—इस शबद का प्रयोग क्रि॰ वि॰ वत् ही अधिक होता है । कभी कभी यह यों ही बेपरवाई करने के लिये किसी क्रिया के साथ बौला जाता है । जैसे,—टुक जाकर देखो तो ।
टुक टुक ^१ क्रि॰ वि॰ [अनु॰] दे॰ 'टुकुर टुकुर' ।
टुक टुक ^२पु क्रि॰ वि॰ [हिं॰ टुकड़ा] टूक टूक । टूकड़े टुकड़े । उ॰—दरजी ने टुक टुक कीन्ह दरद नहिं जाना हो ।— धरनी॰, पृ॰ ३६ । क्रि॰ प्र॰—करना ।