टेलिफोन

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

टेलिफोन संज्ञा पुं॰ [अं॰] वह यंत्र जिसके द्वारा एक स्थान पर कहा हुआ शब्द कितने ही कोस दूर के दूसरे स्थान पर सुनाई पड़ता हैं । विशेष—इसी साधारण य़ुक्ति यह है कि दो चोंगे लो जिनका मुँह एक ओर कागज, चमडे़ आदि से मढा़ हो तथा दूसरी ओर खुला हो । मढे़ हुए चमडे़ के बीचोबीच से लोहे का एक लंबा तार ले जाकर दोनों चोंगों के बीच लगा दो ।