टोना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]टोना ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ तन्त्र]
१. मंत्र तंत्र का प्रयोग । जादू । क्रि॰ प्र॰—करना ।—चलाना ।—मारना ।
२. एक प्रकार का गीत जो विवाह में गाया जाता है और जिसमें 'होना' शब्द कई बार आता है ।
टोना ^२ संज्ञा पुं॰ [देश॰] एक शिकारी चिड़िया । उ॰—जुर्रा बाज बाँसे, कुही, बहरी, मगर लौन टोनै जरकटी त्यों सचान सानवारे हैं ।—रघुराज (शब्द॰) ।
टोना ^३ † क्रि॰ स॰ [सं॰ त्वक् ( = स्पर्शेद्रिय) + ना (प्रत्य॰)]
१. हाथ से टटोलना । छूना । छूकर मालूम करना । उ॰—साँच अहै अँधरे को हाथी और साँचे है सधरे । हाथ की टोई साषि कहत हैं हैं आँखिन के अँधरे ।—कबीर श॰, भा॰ १, पृ॰ ५४ ।
२. अच्छी तरह समझना । अनुभव करना । उ॰—जग में आपन कोई नहीं, देखा सब टोई ।—संतवाणी॰, पृ॰ ४३ ।