टोपी
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]टोपी संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ तोपना (= ढाकना)]
१. सिर पर का पहनावा । सीर पर ढाँकने के लिये बना हुआ आच्छादन । क्रि॰ प्र॰—पहनना ।—लगाना । मुहा॰—टोपी उछलना = निरादर होना । बेइज्जती होना । टोपी उछालना = निरादर करना । बेइज्जती करना । टोपी देना = टोपी पहनना । टोपी बदलना = भाई भाई का संबंध जोड़ना । भाईचारा करना । टोपी बदल भाई = वह जिससे टोपी बदलकर भाई का संबंध जोडा़ गया हो । विशेष—लड़के खेल में जब किसी से मित्रता करते हैं तब अपनी टोपी उसे पहनाते और उसकी टोपी आप पहनते हैं ।
२. राजमुकुट । ताज । मुहा॰—टोपी बदलना = राज्य बदलना । दूसरे राजा का राज्य होना ।
३. टोपी के आकार की कोई गोल और गहरी वस्तु । कटोरी ।
४. टोपी के आकार का धातु का गहरा ढक्कन जिसे बंदूक की निपुल पर चढा़कर घोडा़ गिराने से आग लगती है । बंदूक का पडा़का ।
५. वह थैली जो शिकारी जानवर के मुँह पर चढा़ई रहती है ।
६. लिंग का अग्र भाग । सुपारा ।
७. मस्तूल का सिरा ।—(लश॰) ।