टोर
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]टोर ^१ संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] कटारी । कटार । उ॰—तुम सों न जोर चोर भूपन के भोर रूप काँकरी को चोर काऊ मारो है न टोर कै ।—हनुमान (शब्द॰) ।
टोर ^२ संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] शोरे की मिट्टी का वह पानी जो साधारण नमक की कलमों को छानकर निकाल लेने पर बच रहता है और जिसे फिर उबाल और छानकर शोरा निकाला जाता है ।
टोर पु ^३ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ ठोर] ठोर । मुँह । उ॰—लगौ टोर निरहट्ट गरवं मिलायं ।—प॰ रासो, पृ॰ १४१ ।