टोला
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]टोला ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ तोलिका ( = किसी स्तंभ या गढ़ के चारों ओर का घेरा, बाडा़)]
१. आदमियों की बडी़ बस्ती का एक भाग । महल्ला । उ॰—घर में छोटे बडे़ और टोला परोसियों के उत्साह भंग हो गए ।—श्यामा॰, पृ॰ ४७ ।
२. एक प्रकार का व्यवसाय करनेवाले या एक जातिवालै लोगों की बस्ती । जैसे, चमरटोला ।
टोला ^२ संज्ञा पुं॰ [देश॰] बडी़ कौडी़ । कौडा़ । टग्घा ।
टोला ^३ संज्ञा पुं॰ [देश॰]
१. गुल्ली पर डंडे की चौट । क्रि॰ प्र॰—लगाना ।
२. उँगली को मोड़कर पीछे निकली हुई हड्डी से मारने की क्रिया । ठूँग । उ॰—जो वैष्णब आवै तो ताके मूँड में टोला देतो ।—दो सौ बावन॰, भा॰ १, पृ॰ ३३१ ।
३. पत्थर या इँट का टुकडा़ । रोडा़ ।
४. बेंत आदि के आघात का पडा़ हुआ चिह्न जो कभी लाल और कभी कुछ नीलापन लिए होता है । साँट । नील । क्रि॰ प्र॰—पड़ना ।