ठकठक
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
ठकठक संज्ञा स्त्री॰ [अनुध्व॰ ठकठक्]
१. लगातार होनेवाली ठकठक् की ध्वनि या आवाज ।
२. झगड़ा । बखेड़ा । टंटा । झंझट । उ॰—ठकठक जन्म मरन का मेटैं जम के हाथ न आवै ।—कबीर॰ श॰, पृ॰ २६ । (ख) उठि ठकठक एती कहा, पावस के अभिसार । जानि परैगी देखि यों दामिनि घन अँधियार ।—बिहारी (शब्द॰) ।