ठगाना † क्रि॰ अ॰ [हिं॰ ठगना] १. ठगा जाना । धोखे में आकर हानि सहना । २. किसी वस्तु का अधिक मूल्य दे देना । दूकानदार की बातों में आकर ज्यादा दाम दे देना । जैसे,— इस सौंदे में तुम ठगा गए । ३. (किसी पर) आसक्त होना । मुग्ध होना । संयो॰ क्रि॰—जाना ।