ठगिया ^१ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ ठग + इया (प्रत्य॰)]दे॰ 'ठग' । उ॰—जुरे सिद्ध साधक ठगिया से बड़ो जाल फैलायो ।— भारतेंदु ग्रं॰, भा॰ २, पृ॰ ४४९ ।
ठगिया ^२ वि॰ ठगनेवाला । छलनेवाला । उ॰—ठगिया तेरे नैन ये छल बल भरे कितेब ।—स॰ सप्तक, पृ॰ १९३ ।