ठगी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

ठगी संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ ठग + ई (प्रत्य॰)]

१. ठग का काम । धोखा देकर माल लूटने का काम ।

२. ठगने का भाव ।

३. धूर्तता । धोखेबाजी । चालबाजी ।