ठट्ट

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

ठट्ट संज्ञा पुं॰ [सं॰ तट, हिं॰ टट्टी वा सं॰ स्थाता]

१. एक स्थान पर स्थित बहुत सी वस्तुओं का समूह । एक स्थान पर खड़े बहुत से लोगों की पंक्ति ।

२. समूह । झुंड । समुदाय । पंक्ति । उ॰—(क) इअ रहहि गर्णता विरुद भणंता, भट्टा ठट्टा पेक्खीआ ।—कीर्ति॰, पृ॰ ४८ । (ख) देखि न जाय कपिन के ठट्टा । अति विशाल तनु भालु सुभटटा ।—तुलसी (शब्द॰) । (ग) पियत भट्ट के ठट्ट अरुं गुजरातिन के वृंद ।—हरिश्चंद्र (शब्द॰) ।