ठट्टना पु क्रि॰ अ॰ [हिं॰ गठना] आयोजन करना । ठाटना । उ॰—सु रोमराइ राजई उपंम कब्बि साजई । सुमेर श्रृंग कंद कै, चढ़ै पपील चंद कै । उमंग कब्बि ठट्टई धनक्क मुट्ठि चड्ढई ।—पृ॰ रा॰, २५ ।१३९ ।