ठठेरा
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]ठठेरा ^१ संज्ञा पुं॰ [अनु॰ ठन ठन अथवा हि॰ टाठी + एरा (प्रत्य॰)] [स्त्री॰ ठठेरिन, ठठेरी] धातु को पीट पीटकर बरतन बनानेवाला । बरतन बनानेवाला । कसेरा । मुहा॰— ठठेरे ठठेरे बदलाई = जैसे का तैसा व्यवहार । एक ही प्रकार के दो मनुष्यों का परस्पर व्यवहार । ऐसे दो आदमियों के बीच व्यवहार जो चालाकी, धूर्तता, बल आदि में एक दूसरे से कम न हों । ठठेरे की बिल्ली = ऐसा मनुष्य जो कोई अरुचिकर काम देखते देखते या सुनते अभ्यस्त हो गया ही । ऐसा मनुष्य जो कोई खटके की बात देखकर न चौके या न घबराय । विशेष— ठठेरे की बिल्ली दिन रात बरतन का पीटना सुना करती है । इससे वह किसी प्रकार की आहट या खटका सुनकर नहीं डरती ।
ठठेरा ^२ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ ठाँठ] ज्वार बाजरे का डंठल ।