ठण्ढ

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

ठंढ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ ठंढा] शीत । सरदी । जाड़ा । मुहा॰—ठंढ पड़ना = शीत का संचार होना । सरदी फैलना । ठंढ लगना = शीत का अनुभव होना ।