ठनगन
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]ठनगन ^१ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ ठनना] विवाह आदि मंगल अवसरों पर नेगियों या पुरस्कार पानेवालों का अधिक पाने के लिये हठ या अड़ । उ॰—ठनगन तैं सब बाम बसनन सजि सजि कै गई ।—नंद ग्रं॰, पृ॰ ३३३ । क्रि॰ प्र॰—करना ।—ठानना ।—होना ।
२. हठ । अड़ । मान । उ॰ बनि आएँ ठनगन ठानति है सर्बोपर राघे तोहि लहौं ।—घनानंद, पृ॰ ४५९ ।