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ठप

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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ठप संज्ञा पुं॰ [अनुध्व॰]

१. खुले हुए ग्रंथ को एकाएक बंद करने से उत्पन्न शब्द या ध्वनि ।

२. किसी कार्य या ब्यापार का पूरी तरह बंद रहना या रुक जाना । क्रि॰ प्र॰—करना ।—रहना ।—होना ।