ठमकड़ा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

ठमकड़ा पु † संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ ठमूक( = ठमक) + ड़ा (प्रत्य॰)] ठक ठक की आवाज । ठपका । ठमका । उ॰—धबणि धवंती रहि गई, बुझि गए अँगार । अहरणि रह्या ठमूकड़ा जब उठि चले लुहार ।—कबीर ग्रं॰, पृ॰ ७५ ।