ठमकना
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
ठमकना क्रि॰ अ॰ [स॰ स्तम्भन]
१. चलते चलते ठहर जाना । ठिठकना । रुकना । जैसे,—तु्म चलते चलते ठमक क्यों जाते हो ।
२. ठसक के साथ रुक रुककर चलना । हाव भाव दिखाते हुए चलना । अंग मरोड़ते या मटकाते हुए चलना । लचक के साथ चलना । उ॰—ठमकि ठमकि सरकौंही चालन आउ सामुहें मेरे ।—पोद्दार आभि॰ ग्रं॰, पृ॰ ३८६ ।