ठरना क्रि॰ अ॰ [सं॰ स्तब्ध, प्रा॰ ठड्ढ, हिं॰ ठार + ना (प्रत्य॰)] १. अत्यंत शीत से ठिठुरना । सरदी से अकड़ना या सुन्न होना । जैसे, हाथ पाँव ठरना । संयो॰ क्रि॰—जाना । २. अत्यंत सरदी पड़ना । बहुत अधिक ठंढ पड़ना ।