ठहना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]ठहना ^१ क्रि॰ स॰ [अनुध्व॰]
१. हिनहिनाना । घोड़े का बोलना । २ घनघनाना । घंटे का बजाना ।
ठहना ^२ क्रि॰ अ॰ [सं॰ स्था, प्रा॰ ठा] किसी काम को करते हुए सोच विचार करने या बनाने सँवारने के लिये बीज बीज में ठहरना । धीरे धीरे घैर्य के साथ करना । बनाना । सँवारना । किसी काम को करने में खूब जमना । मुहा॰—ठह ठहकर बोलना = हाव भाव के साथ रुक रुककर बोलना । एक एक शब्द पर जोर दे देकर बोलना । मठार मठारकर बोलना । ठहकर = अच्छी तरह जमकर ।