ठाकना पु † क्रि॰ स॰ [हिं॰ ठाक + ना (प्रत्य॰)] ठीक करना । रोकना । स्थिर करना । उ॰—द्दष्टि कौ ठाकि मन कौ समझावै । काम कौ साधि जाय महलि समावै ।—प्राण॰, पृ॰ २९ ।