ठाकुरप्रसाद संज्ञा पुं॰ [हिं॰] १. देवता की निवेदित वस्तु । नैवेद्य । २. एक प्रकार का धान जो भादों महीने के अंत और क्वार के आरंभ में हो जाया करता है ।