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ठाढ़ा

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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ठाढ़ा †पु वि॰ [सं॰ स्थातृ (= जो खड़ा हो)]

१. खड़ा । दंडायमान । क्रि॰ प्र॰—करना ।—होना ।—रहना ।

२. जो पिसा या कुटा न हो । समूचा । सावित । उ॰— भूँजि समोसा घिउ मँह काढ़े । लौंग मिर्च तेहि भीतर ठाढ़े । जायसी (शब्द॰) ।

३. उपस्थित । उत्पन्न । पैदा । उ॰— कीन चहत लीला हरि जबहीं । ठाढ़ करत हैं कारन तबहीं ।—विश्राम (शब्द॰) । मुहा॰—ठाढ़ा देना = स्थिर रखना । ठहराना । रखना । टिकाना उ॰—बारह वर्ष दयो हम ठाढ़ो यह प्रताप बिनु जाने । अब प्रगटे वसुदेव सुवन तुम गर्ग बचन परिमाने ।—सूर (शब्द॰) ।

ठाढ़ा ^२ वि॰ हट्टा कट्टा । हष्ट पुष्ट । बली । द्दढांग । मजबूत ।