ठाव संज्ञा पुं॰ [हिं॰] ठाँव । स्थान । उ॰—होरी सब ठावन लै राखी पूजत लै लै रोरी । घर के काठ डारि सब दीने गावत गीत न गोरी ।—भारतेंदु ग्रं॰, भा॰ २, पृ॰ ४०७ ।