ठाहर † संज्ञा पुं॰ [सं॰ स्थल, हिं॰ ठहर] १. स्थान । जगह । उ॰—शुक्रसुता जब आई बाहर । पाए बसन परे तेहि ठाहर ।—सूर (शब्द॰) । २. निवास स्थान । रहने या टिकने का स्थान । डेरा । उ॰—रघुबर कह्यो लखन भल घाटू । करहु कतहुँ अब ठाहर ठाटू ।—तुलसी (शब्द॰) ।