ठिठकना

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

ठिठकना क्रि॰ अ॰ [सं॰ स्थित + करण या देश॰]

१. चलते चलते एकबारगी रुक जाना । एकदम ठहर जाना । उ॰—तनिक ठिठक, कुछ मुड़कर दाएँ, देख अजिर में उनकी ओर ।—साकेत, पृ॰ ३६८ ।

२. अंगों की गति बंद करना । स्तंभित होना । न हिलना न डोलना । ठक रह जाना ।