ठुकना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

ठुकना क्रि॰ अ॰ [अनुध्व॰]

१. ताड़ित होना । ठोंका जाना । पिटवा । आघात सहना ।

२. आघात पाकर धँसना । गड़ना । जैसे, खूँटा ठुकना । संयो॰ क्रि॰—जाना ।

३. मार खाना । मारा जाना । जैसे,—घर पर खुब ठुकोगे ।

४. कुश्ती आदि में हारना । ध्वस्त होना । पस्त होना ।

५. हानि होना । नुकसान होना । चपत बैठना । जैसे,—घर से निकलते ही (२०) की ठुकी ।

६. काठ में ठोंका जाना । कैद होना । पैर में बेड़ी पहनना ।

७. दाखिल होना । जैसे, नालिश ठुकना ।

८. बजना । ध्वनित होना । उ॰—कहुँ तिमत्त धर धुकत, लुकत कहुँ सुभट छात छल । ठुकत काल कहुँ पत्र, कुकुत कहुँ सेन पाइ जल ।—पृ॰ रा॰, ८ ।४२ ।