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ठेंगा

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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ठेंगा संज्ञा पुं॰ [हिं॰ हेठ + अंग वा अँगूठा या देश॰]

१. अँगूठा । ठोसा । मुहा॰—ठेंगा दिखाना = (१) अँगूठा दिखाना । ठोसा दिखाना । धृष्टता के साथ अस्वीकार करना । बुरी तरह से नहीं करना । (२) चिढ़ाना । ठेंगे से = बला से । कुछ परवाह नहीं । विशेष—जब कोई किसी से किसी बात की धमकी या कुछ करने या होने की सूचना देता है तब दूसरा अपनी बेपरवाही या निर्भीकता प्रकट करने के लिये ऐसा कहता है ।

२. लिंगेंद्रिय । (अशिष्ट) ।

३. सोंटा । डंडा । गदका । जैसे,— जबरदस्त का ठेंगा सिर पर । मुहा॰—ठेंगा बजाना = (१) मारपीट होना । लड़ाई दंगा होना । (२) व्यर्थ की खटखट होना । प्रयत्न निष्फल होना । कु छ काम न निकलना । उ॰—जिसका काम उसी को साजे । और करें तो ठेंगा बाजे ।—(शब्द॰) ।

४. वह कर जो बिक्री के माल पर लिया जाता है । चुंगी का महसुल ।