ठोक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

ठोक पुं॰ [हिं॰] दे॰ 'ठोंक' । उ॰—सुंदर मसकतिदार सौं गुरु मथि काढ़ै आगि । सदगुरु चकमक ठोकतें तुरत उठै कफ जागि ।—सुंदर॰ ग्रं॰, भा॰, २, पृ॰ ६७१ ।