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ठोकना

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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ठोकना क्रि॰ स॰ [हिं॰ ठोंकना]दे॰ 'ठोंकना' । यौ॰—ठोक पीट करना = ठोकना पीटना । बारबार ठोकना । ठोक पीटकर गढना = ठोंक पीटकर दुरुस्त करना । तैयार करना । उ॰—जब हम सोने को ठोंक पीट गढ़ते हैं, तब मान मूल्य, सौंदर्य सभी बढ़ते हैं ।—साकेत, पृ॰ २१३ ।