ठोस
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हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
ठोस वि॰ [हिं॰ ठस] जिसके भीतर खाली स्थान न हो । जो भीतर से खाली न हो । जो पोला या खोखला न हो । जो भीतर से भरापूरा हो । जैसे, ठोस कड़ा । उ॰—यह मूर्ति ठोस सोने की है ।—(शब्द॰) । विशेष—'ठस' और 'ठोस' में अंतर यह है कि 'ठस' का प्रयोग या तो चद्दर के रुप की बिना मोटाई की वस्तुओं का घनत्व सूचित करने के लिये अथवा गीले या मुलायम के विरुद्ध कड़ेपन का भाव प्रकट करने के लिये होता है । जैसे, ठस बुनावट, ठस कपड़ा, गीली मिट्टी का सूखकर ठस होना । और, 'ठोस' शब्द का प्रयोग 'पोले' या 'खोखले' के विरुद्ध भाव प्रकट करने के लिये अतः लंबाई, चौड़ाई, मोटाईवाली (घनात्मक) वस्तुओं के संबंध में होता है ।
२. दृढ़ । मजबूत ।
ठोस ^२ संज्ञा पुं॰ [देश॰] धमक । कुढ़न । डाह । उ॰—इक हरि के दरसन बिनु मरियत अरु कुबजा के ठोसनि ।—सूर (शब्द॰) ।