डटना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

डटना ^१ क्रि॰ अ॰ [सं॰ स्थातृ, हिं॰ ठाट या ठाढ़]

१. जमकर खड़ा होना । अड़ना । ठहरा रहना । जैसे,—वे सबेरे से मेले में डटे हुए हैं । संयो॰ क्रि॰—जाना ।—जा डटना । मुहा॰—डटा रहना = सामना करने या कठिनाई झेलने के लिये खड़ा रहना । न हटना । मुँह न मोड़ना । डटकर खाना = खूब पेट भर खाना ।

२. भिड़ना । लग जाना । छू जाना ।

३. अच्छा लगना । फबना ।

डटना पु † ^२ क्रि॰ स॰ [सं॰ दृष्टि, हिं॰ डीठ] ताकना । देखना । उ॰—(क) उर मानिक की उरबली डटत घटत दृग दाग । झलकत बाहर कढ़ि मनौ पिय हिय को अनुराग । (ख) लटकि लटकि लटकत चलत डटत मुकुट की छाहँ । चटक भरयो नट मिलि गयो, अटक भटक बन माँह ।—बिहारी (शब्द॰) ।