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डमरु

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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डमरु संज्ञा पुं॰ [सं॰] दे॰ 'डमरू' । उ॰—खुनखुनाकर हँसत हरि, हर हँसत डमरु बजाइ ।—सूर॰, १० । १६० ।