डहकना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

डहकना ^१ क्रि॰ स॰ [हिं॰ डाका]

१. छल करना । धोखा देना । ठगना । जटना । उ॰—डहकि डहकि परचेहु सब काहू । अति असंक मन सदा उछाहू ।—तुलसी (शब्द॰) ।

२. किसी वस्तु को देने के लिये दिखाकर न देना । ललचाकर न देना । उ॰—खेलत खात, परस्पर डहकत, छीनत कहत करत रुग— दैया ।—तुलसी (शब्द॰) ।

डहकना ^२ क्रि॰ अ॰ [हिं॰ डहाड़, धाड़]

१. रोने में रह रहकर शब्द निकालना । बिलखना । विलाप करना । उ॰—काल बदन ते राखि लीनो इंद्र गर्व जे खोई । गोपिनी सब ऊधो आगे डहकि दीनो रोइ ।—सूर (शब्द॰) ।

२. हुँकारना । डकार लेना । दहाड़ मारना । गरजना । उ॰—इक दिन कंस असुर इक प्रेरा । आवा घटि वपु विरपभ केरा । डहकत फिरत उड़ावत छारा । पकरि सींग तुरतै प्रभु मारा ।—विश्राम (शब्द॰) ।

डहकना पु ^३ क्रि॰ अ॰ [देश॰] छितराना । छिटकना । फैलना । उ॰—चंदन कपूर जल धौत कलधौत धाम उज्जल जुन्हाई डहडही डहकत है ।—देव (शब्द॰) ।

डहकना । उ॰—दुरजोधन अभिमानहिं गयऊ । पंडव केर मरम नहिं भयऊ । माया के डिभगे सब राजा । उत्तम मध्यम बाजन बाजा ।—कबीर (शब्द॰) ।