डिबिया
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]डिबिया ^१ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ डिब्बा + इया (लध्वर्थक प्रत्य॰)] वह छोटा ढक्कनदार बरतन जिसके ऊपर ढक्कन अच्छी तरह जमकर बैठ जाय और जिसमें रखी हुई चीज हिलाने डुलाने से न गिरे । छोटा डिब्बा । छोटा संपुट । जैसे, सुरती की डिबीया ।
डिबिया † ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ जिह्वा] दे॰ 'जिह्वा' । उ॰—राँम, राँम राँम, रतँन लागी डिबिया ।—पोद्दार अभि॰ ग्रं॰, पृ॰ ९६७ ।
डिबिया टँगड़ी संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰] कुश्ती का एक पेच । विशेष—यह पेंच उस समय किया जाता है जब जोड़ (विपक्षी) कमर पर होता है ओर उसका दाहिना हाथ कमर में लिपटा होता है । इसमें विपक्षी को दाहिने हाथ से जोड़ का बायाँ हाथ कमर के पास से दाहिने जाँघ तक खींचते हुए और बाँए हाथ से लंगोट पकड़ते हुए बाँए पैर से भीतरी टाँग मारकर गिराते हैं ।