डुलना पु † क्रि॰ अ॰ [सं दोलन] दे॰ ' ड़ोलना' । उ॰— मँद मंद मैगल मतंग लौ चलेई भले भुजन समेत भुज भूषन डुलत जात ।— पद्माकार (शब्द॰) ।