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डूँगर

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

डूँगर संज्ञा पुं॰ [सं॰ तुड़्ग (= पहाड़ी)]

१. टीला । भीटा । ढूह । उ॰— सूरदास प्रभु रसिक शिरोमणि कैसे दुरत दुराय कहौं धौं डुँगरन की ओट सुमेर ।— सूर (शब्द॰) ।

२. छोटी पहाड़ी । उ॰— छिमही में ब्रज धोइ बहावै । डूँगर को कहुँ लावँ न पावैं ।— सूर (शब्द॰) ।

डूँगर फल संज्ञा पुं॰ [हिं॰ डूँगर + फल] बंदाल का फल । देवदाली का फल जो बहुत कड़ूवा होता है और सरदी में घोड़ों को खिलाया जाता हैं ।