डूबना

विक्षनरी से

हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

डूबना क्रि॰ अ॰ [अनु॰ डुब डुब]

१. पानी या और किसी द्रव पदार्थ के भीतर समाना । एकबारगी पानी के भीतर चला जाना । मग्न होना । गोता खाता । बूड़ना । जैसे, नाव डूबना, आदमी डूबना । संयो॰ क्रि॰—जाना । मुहा॰— डूबकर पानी पीनी = धोखाघड़ी करना । औरों से छिपकर बुरा काम करना । उ॰— हमीं में डूबकर पानी पीनेवाले हैं ।— चुभते॰ (दोदो॰), पृ॰ ४ । डूब मरना = लज्जा के मारे मर जाना । शरम के मारे मुँह न दिखाना । उ॰— उन्हें डूब मरने को संसार में चुल्लू भर पानी मिलना मुश्किल हो जाता ।— प्रेमघन॰, भा॰ २ पृ॰ ३४१ । विशेष— इस मुहा॰ का प्रयोग विधि और आदेश के रूप में ही प्रायः होता है । जैसे, तू डूब मर ? तुम डूब क्यों नहीं मरते? चुल्लू भर पानी में डूब मरना = दें॰ 'डूब मरना' । डूबते को तिनके का सहारा होना = निराश्रय व्यक्ति के लिये थोड़ा सा आश्रय भी बहुत होना । संकट में पड़े हुए निस्सहाय मनुष्य के लिये थोड़ी सी सहायता भी बहुत होना । डूबा नाम उछालना = (१) फिर से प्रतिष्ठा प्राप्त करना । गई हुई मर्यादा को फिर से स्थापित करना । (२) अप्रासिद्धि से प्रसिद्धि प्राप्त करना । डूबना उतराना = (१) चिंता में मग्न होना । सोच में पड़ा जाना । (२) चिंताकुल होना । चित व्याकुल होना । जी घबराना । (२) बेहोशी होना । मूर्छा आना । विशेष— पद्माकर ने 'प्राण' शब्द के साथ भी इस मुहा॰ का प्रयोग किया है, जैसे, ऊबत हौ, डूबत हौ, डोलत हो, बोलत न काहे प्रीति रीतिन रितै चले ।...एरे मेरे प्राव ! कान्ह प्यारे की चलाचल में तब तों चले न, आब चाहत कितै चले । २ सूयँ, ग्रह नक्षत्र आदि का अस्त होना । सूर्य या किसी तारे का अदृश्य होना । जैसे, सूर्य डूबना, शुक्र डूबना । संयो॰ क्रि॰— जाना । ३चौपट होना । सत्यानाश जाना । बरबाद होना । बिगड़ना । नष्ट होना । जैसे, वंश डूबना । उ॰— डूबा वंश कबीर का, उपजे पूत कमाल ।— (शब्द॰) । संयो॰ क्रि॰— जाना । उ॰— आवत जावत कोई न देखा डूब गया बिन पानी ।— कबीर श॰, पृ॰ ३१ । मुहा॰— नाम डूबना = मर्यादा बिगड़ाना । प्रतिष्ठा नष्ट होना । कुख्याति होना । ४ किसी व्यवासाय में लगाया हुआ धन नष्ट होना या किसी को दिया हुआ रूपया न वसूल होना । मारा जाना । जैसे,—(क) उसने जितना रुपया इधर उधर कर्ज दिया था सब डूब गया । (ख) जिसने जिसने हिस्सा खरीद सबका रुपया डूब गया । संयों क्रि॰—जाना । ५ बेटी का बुरे घर ब्याहा जाना । कन्या का ऐसे घर पड़ना जहाँ बहुत कष्ट हो । संयो॰ क्रि॰— जाना । ६ चिंतन में मग्न होना । विचार में लीन होना । अच्छी तरह ध्यान डटाना । जैसे, डूबकार सोचना ।

७. लीन होना । तन्मय होना । लिप्त होना । अच्छी तरह लगना । जैसे, विषय वासना में डूबना, ध्यान में डूबना ।