डौँड़ी

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

डौँड़ी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ डिण्डिम]

१. एक प्रकार का ढोल जिसे बजाकर किसी बात की घोषणा की जाती है । ढिंढोरा । डुगडुगिया । उ॰—चित डौंडी बुधि फेरी लावै । मन दुनौ के भीड़ उठावै ।—हिंदी प्रेम॰, पृ॰ २७४ । क्रि॰ प्र॰—पीटना ।—बजना ।—बजाना । मुहा॰—डौंड़ी देना = (१) ढोल बजाकर सर्वसाधारण को सूचित करना । मुनादी करना । (२) सब किसी से कहते फिरना । डौड़ी बजना = (१) घोषणा होना । (२) दुहाई फिरना । जय जयकार होना । चलती होना । उ॰—लौड़ी के घर डौंड़ी बाजी ओछो निपट आजानौ ।—सूर (शब्द॰) ।

२. वह सूचना जो सर्वसाधारण को ढोल बजाकर दी जाय । घोषणा । मुनादी । क्रि॰ प्र॰—फिरना ।—फेरना । उ॰—तब ब्रज के गामन डौंड़ी फेरी ।—दो सौं बावन॰, भा॰ १, पृ॰ ३०० ।