ढहना क्रि॰ अ॰ [सं॰ ध्वंसन या वहु] १. दीवार, मकान आदि का गिर पड़ना । ध्वस्त होना । संयो॰ कि॰—जाना । २. नष्ट होना । मिट जाना । उ॰—तुलसी रसातल को निकसि सलिल आयो, कोल कलमल्यो ढहि कमठ को बल गो ।— तुलसी (शब्द॰) ।