ढाँख

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

ढाँख † संज्ञा पुं॰ [हिं॰ ढाक] दे॰ 'ढाक' । उ॰— तरिवर झरहिं झरहिं बन ढाँखा । भई अनपत्त फूलि कर साखा ।—जायसी ग्रं॰ (गुप्त), पृ॰ ३५९ ।